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कारे - सूदो- ज़िना नहीं होता ?
आपके घर में क्या नहीं होता ?
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ज़ुल्मे - ताज़ह हिसाब लेता है ;
ज़ख्मे-साबिक़ भरा नहीं होता ||
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जान जाती है क़िस्त में फिर भी ;
रफ़अ' क़र्ज़े - वफ़ा नहीं होता ||
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वह सुनाती है ख़ामुशी क़िस्सा ;
जो ज़ुबाँ से अदा नहीं होता ||
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रस्मे - कुफ़रां सभी पुरानी हैं ;
रंग से सामाँ नया नहीं होता ||
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शौक़ करता है तूर की ज़हमत ;
इ'ल्म बैठे अता नहीं होता ||
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याद करता है एक को आशिक़ ;
जा - बजा मुब्तिला नहीं होता ||
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जुर्म वह भी अगर यही करते ;
इस क़दर ना-रवा नहीं होता ||
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जिस्म कितना हलाक करते हैं ;
जान, तुमको पता नहीं होता ||
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दो ही इसके फ़राज़ पहलू हैं ;
इश्क़ होता है या नहीं होता ||
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