.
हक़ ज़बाँ का अदा करे कोई !!
वह कहें और मना करे कोई !!
.
हों सभी जब गुनाह में शामिल ;
किससे किसका गिला करे कोई !!
.
ज़िन्दगी की दुआएं देता हो ;
ऐसे दुश्मन का क्या करे कोई !!
.
बात बिगड़ी हुई है बन जाए ;
काम ऐसा ख़ुदा करे कोई !!
.
जैसे याँ पर चराग़ जलता है ;
रात वां भी जगा करे कोई !!
.
साथ जीना है क्या नहीं काफ़ी ;
क्यों किसी पर मरा करे कोई !!
.
बस कि है इख़्तिताम पर महफ़िल ;
ना तमाशा नया करे कोई !!
.
ख़ुल्द मिलती नहीं तो कम से कम ;
ख़्वाबे राहत मिला करे कोई !!
.
आज ऐसा ख़फ़ा करें सबको ;
फिर न हमको ख़फ़ा करे कोई !!
.
इस्मे-अहमद है बाइ’से-बरकत ;
उनका चर्चा करा करे कोई !!
.
हसरतें क़ैद है फ़राज़ अब तो ;
हमको उनसे रिहा करे कोई !!
.