zindagi raah par nahiN aati
.
रूह तन में अगर नहीं आती ||
तो मुसीबत भी सर नहीं आती ||
.
चाहिए हमको हश्र तक सोना ;
नींद लेकिन इधर नहीं आती ||
.
सारी दुनिया शरीक होती है ;
ख़बर हम तक मगर नहीं आती ||
.
दम मिरा गर निकल गया होता ;
तो भी वह चारहगर नहीं आती !!
.
जाने किस जुस्तजू में फिरती है ;
ज़िन्दगी राह पर नहीं आती ||
.
करके इक - इक चराग़ बुझते हैं ;
रात भी मुख़तसर नहीं आती ||
.
दिल को तब तक सुकूँ नहीं मिलता ;
आँख जब तक कि भर नहीं आती ||
.
हाल ये है कि ख़ैरियत अपनी ;
अब हमें ही नज़र नहीं आती ||
.
काश होता कि बद - दु’आ मेरी ;
लौट कर बे - असर नहीं आती ||
.
क्या शजर वह फ़राज़ है जिसपर ;
कोई शाख़े - समर नहीं आती ||
.